यदि आप पर्यावरण प्रेमी हैं तो आपको ग्रीन होम की संकल्पना के बारे में पता होना चाहिए. लेकिन यदि पता नहीं है तो हम आपको अभी बताए देते हैं. इन दिनों सभी पर्यावरण प्रेमी चाहते हैं कि उनका घर ग्रीन होम में तब्दील हो जाए, ताकि उनकी वजह से पर्यावरण को कम से कम नुक़सान पहुंचे. जी हां, ऐसे घर जिनकी वजह से कार्बन फ़ुट प्रिंट कम से कम पैदा हो, उन्हें ही ग्रीन होम कहा जाता है.
पर्यावरण के अनुकूल घर, जिसमें रीसाइक्लिंग और रीयूज़िंग का काम इस तरह किया जाए, ताकि धरती को कम से कम नुक़सान पहुंचे ग्रीन होम या ईको फ्रेंडली होम कहलाता है. जिस तरह क्लाइमेट चेंज हमारी धरती को नुक़सान पहुंचा रहा है, मौसमों को बेहद गर्म और बेहद ठंडा बना रहा है, मौसम का पैटर्न बदल रहा है, हमारे घरों को सस्टेनेबल होना होगा, ताकि हम पर्यावरण पर अपनी मौजूदगी का ज़्यादा बोझ न डालें. यूं तो महानगरों में आजकल बनने वाली इमारतों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, सोलर इलेक्ट्रिसिटी, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट जैसे सिस्टम्स को अनिवार्य कर दिया गया है, लेकिन पुराने घरों और इमारतों को भी यदि थोड़े प्रयास से ग्रीन होम में तब्दील कर दिया जाए तो हम पर्यावरण को सेहतमंद रखने में ज़्यादा कामयाब होंगे. यह इस वक़्त की मांग भी है. अत: हम आपको बता रहे हैं कि कैसे छोटे-छोटे बदलाव कर के आप अपने घर को ग्रीन होम में बदल सकते हैं.
घर में कम और रीसाइकल्ड सामान रखें
घर पर कम सामान रखने से आपका घर अनक्लटर्ड तो रहेगा ही, साथ ही वेंटिलेशन भी अच्छा होगा. अपने घर को ग्रीन होम में तब्दील करने के लिए आप रीसाइकल्ड चीज़ों का इस्तेमाल करें, जैसे- रीसाइकल्ड फ़र्नीचर. हालांकि रीसाइकल्ड फ़र्नीचर ढूढ़ने के लिए आपको जद्दोजहद करनी होगी, लेकिन इस तरह आप अपने प्लैनेट को हरा-भरा रखने में मदद करेंगे. इंटरनेट खंगालने पर आपको हमारे देश में भी कई ऐसी शॉप्स मिल जाएंगी, जहां रीसाइकल्ड फ़र्नीचर बेचा जाता है.
इन दिनों फ़ैशन की दुनिया में भी रीसाइकल्ड कपड़ों की मांग है. कई डिज़ाइनर्स फ़ास्ट फ़ैशन से परे, रीसाइकल्ड कपड़ों पर काम कर रहे हैं. हालांकि हमारे देश में इनकी अभी आम लोगों तक पहुंच नहीं हुई है, लेकिन जल्द ही ऐसा हो सकता है. अत: इस ट्रेंड पर अपनी नज़र बनाए रखें.
घर पर रीसाइकल बिन और कम्पोस्ट बिन रखें
जहां रीसाइकल बिन में आप घर से निकलने वाला सूखा कचरा, जैसे- रैपर्स, बॉटल्स, जार, टेट्रा पैक्स वगैरह इकट्ठा कर सकते हैं और जान सकते हैं कि आप कितना कचरा पैदा कर रहे हैं, ताकि यदि संभव हो तो आप इसे नियंत्रित कर सकें. वहीं आप इस कचरे को महीने में एक बार अलग-अलग कैटेगरीज़ में डाल कर सही जगह पर रीसाइकलिंग के लिए भेज सकते हैं.
घर पर कम्पोस्ट बिन रखने से आप अपने किचन में निकलने वाले कचरे को कुछ ही दिनों में खाद में बदल सकते हैं और अपने बगीचे, पेड़-पौधों या गमलों में डाल कर उनकी उर्वरकता बढ़ा सकते हैं.
ऊर्जा की बचत करने वाले अप्लायंसेस ख़रीदें
आजकल ऊर्जा की बचत करने वाले अप्लायंसेस स्टार मार्क के साथ आते हैं. इन्हें ख़रीद कर, इनका इस्तेमाल कर आप ऊर्जा की बचत कर सकते हैं. अपने घर के सभी बल्ब या ट्यूबलाइट एलईडी बल्ब या ट्यूबलाइट से बदल दें. जिस कमरे में न बैठे हों, वहां किसी भी तरह का इलेक्ट्रिक अप्लायंस ऑन न रहने दें.
यदि संभव हो तो अपने घर की बिजली के लिए सोलर पैनल लगवाएं, घर के बेकार पानी को एक आउटलेट बना कर पौधों की ओर मोड़ दें. घर की छत बड़ी हो तो बारिश के पानी के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम भी लगवाया जा सकता है.
किचन स्मार्ट बनें
किचन में स्मार्ट रह कर भी आप अपने घर को ग्रीन होम में बदल सकते हैं. दाल, चावल जैसी चीज़ों को बनाने के आधे घंटे पहले भिगो लें. इससे उन्हें पकाते वक़्त गैस का इस्तेमाल कम होगा. यदि संभव हो तो इसे सोलर कुकर में पकाएं.
खाना पकाने के बर्तनों का आकार सही रखें. एक बड़े बर्तन में थोड़ी-सी दाल, चावल या सब्ज़ी पकाने से ऊर्जा व्यर्थ बर्बाद होगी. इसके अलावा, खाना उतना ही बनाएं, जो कंज़्यूम हो जाए. खाने की बर्बादी, आपकी ऊर्जा, धरती की उर्वरकता, पानी, मज़दूरों की मेहनत, ट्रांस्पोर्टेशन और आपके बाज़ार जा कर उसे लाने में, पकाने में ख़र्च हुए समय… इन सभी की बर्बादी है.
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