‘‘कहीं हमारी चुप्पी, हमें ही भारी न पड़ जाए.‘‘
मदर्स डे के अवसर पर जैसा कि हमने तय किया था कि हम पूरे सप्ताह अलग-अलग मांओं से इस बात ...
मदर्स डे के अवसर पर जैसा कि हमने तय किया था कि हम पूरे सप्ताह अलग-अलग मांओं से इस बात ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
मदर्स डे! हालांकि कुछ लोग अब भी यह कहते मिल जाते हैं कि मदर्स डे मनाना हमारी संस्कृति नहीं, पर ...
तो आप भी उन लोगों में से हैं, जो अपने बच्चे का स्क्रीन टाइम कम करना चाहते हैं? हम आपसे ...
जगत मिथ्या और ब्रह्म सत्य है या ब्रह्म मिथ्या और जगत सत्य. ये विवाद सदैव से चलता आया है और ...
काश पैरेंटिंग का कोई ऐसा तरीक़ा या फिर मैन्युअल आता, जिसके हिसाब से माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश करते. पर ...
यदि आपके दो (या ज़्यादा) बच्चे हैं तो आप हमारे आलेख का उद्देश्य समझ ही गए होंगे. भारतीय परिवेश में ...
वर्ष 1969 में डॉक्टर हाइम गिनॉट ने अपनी किताब पैरेंट्स ऐंड टीनएजर्स में कुछ किशोरों के बारे में बात करते ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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