अभिभावक की भूमिका में छुपा है देवी स्कंदमाता की आराधना का प्रासंगिक तरीक़ा
जगत मिथ्या और ब्रह्म सत्य है या ब्रह्म मिथ्या और जगत सत्य. ये विवाद सदैव से चलता आया है और ...
जगत मिथ्या और ब्रह्म सत्य है या ब्रह्म मिथ्या और जगत सत्य. ये विवाद सदैव से चलता आया है और ...
परीक्षा वह बला है, जो सिर पर आते ही अच्छे से अच्छा विद्यार्थी तनावग्रस्त हो जाता है. परीक्षाओं के इस ...
काश पैरेंटिंग का कोई ऐसा तरीक़ा या फिर मैन्युअल आता, जिसके हिसाब से माता-पिता अपने बच्चों की परवरिश करते. पर ...
यदि आपके दो (या ज़्यादा) बच्चे हैं तो आप हमारे आलेख का उद्देश्य समझ ही गए होंगे. भारतीय परिवेश में ...
इंटरनेट वाले इस दौर में आज छोटे से छोटे बच्चे के हाथ में भी मोबाइल फ़ोन पहुंच गया है. सूचना ...
बच्चा चाहे एक हो या फिर ज़्यादा, उनकी परवरिश करने में पैरेंट्स को एक जैसे अनुभव, समस्याएं, कठिनाइयां होती हैं. ...
वर्ष 1969 में डॉक्टर हाइम गिनॉट ने अपनी किताब पैरेंट्स ऐंड टीनएजर्स में कुछ किशोरों के बारे में बात करते ...
भीड़ हमारे देश की एक सच्चाई है. आप कहीं भी जाएं, आपका सामना भीड़ से होगा ही. भीड़ में बच्चों ...
तीन से पांच वर्ष की उम्र के बच्चे, जो स्कूल जाना शुरू कर रहे होते हैं, प्रीस्कूलर्स कहलाते हैं और ...
आज के गैजेट्स से भरे समय में बच्चों की परवरिश करना आसान नहीं है, चीज़ें उतनी सहज नहीं है, जितनी ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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