रुको बच्चों: राजेश जोशी की कविता
देश के बच्चों को थोड़ा संभलकर चलने की सलाह देती राजेश जोशी की कविता ‘रुको बच्चों’ देश के कथित तारणहारों ...
देश के बच्चों को थोड़ा संभलकर चलने की सलाह देती राजेश जोशी की कविता ‘रुको बच्चों’ देश के कथित तारणहारों ...
हमारे जीवन को सुखमय बनाने में रखने-खटने वाली हर औरत की हाथ है. कवि चंद्रकांत देवताले उसी मेहनती औरत के ...
धरती को हमारे रहने लायक, जीने लायक बनाने में प्रकृति के साथ-साथ हर उस औरत का हाथ है, जो आदिम ...
पतंग के बहाने कवि आलोक धन्वा बालसुलभ इच्छाओं का सुंदर चित्रण करते हैं. पतंग की ऊंचाइयों के माध्यम से बालमन ...
बरसात के मौसम में पहाड़ों की ख़ूबसूरती देखते बनती है. वर्षा ऋतु में पर्वतीय प्रदेश के अनुपम सौंदर्य का वर्णन ...
चंद्रकांत देवताले की यह कविता सभ्यता के विकास की ख़तरनाक दिशा की ओर इशारा करती है. मां के समय जो ...
बच्चों का काम पर जाना, हमारे ही क्या किसी भी समय की सबसे बड़ी विडंबना है. राजेश जोशी की कविता ...
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता दिवंगत कवि वीरेन डंगवाल की कविताएं बहुत ही सहजता और सरलता से बड़ी बातें कह जाने ...
कविता कन्यादान में मां विदा हो रही अपनी बेटी को पारंपरिक सीखों से हटकर कुछ नई बातें बता रही है. ...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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