बीस साल बाद: धूमिल की कविता
धूमिल की कविता ‘बीस साल बाद’ देश की आज़ादी के बीस वर्ष बीतने पर लिखी गई थी, लेकिन आज आज़ादी...
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धूमिल की कविता ‘बीस साल बाद’ देश की आज़ादी के बीस वर्ष बीतने पर लिखी गई थी, लेकिन आज आज़ादी...
रबीन्द्रनाथ टैगोर की यह कहानी आज़ादी के पहले के उस आराजकता के दौर की है, जब शादियों में चोर-डकैतों का...
प्रसिद्ध चंद्रवंशी राजा पुरुरवा का पौत्र तथा प्रतापी राजा नहुष पहला और एकमात्र मनुष्य हुआ जिसने देवलोक पर शासन किया....
जिस सामाजिक वर्ग की सबसे ज़्यादा चिंता जताई जाती है, वह है दलित. इतनी चिंताओं और योजनाओं के बावजूद उसकी...
कई बार ज़िंदगी हमारे साथ बहुत अन्याय कर जाती है और हम कुछ भी कर नहीं पाते. कई इच्छाएं जिनके...
हिंदी की सबसे लोकप्रिय महिला कहानीकारों में एक मन्नू भंडारी की यह छोटी-सी रचना, अपने अंदर न जाने कितने विरोधाभासों...
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बारे में आपने कई जाने-माने विद्वानों के लेख पढ़ होंगे. कोई उनकी तारीफ़ में पन्ने भर...
गांधी जयंती पर महात्मा गांधी को याद करने की होड़-सी चल पड़ती है. नारे लगाए जाते हैं, बैनर बनाए जाते...
जानेमाने गांधीवादी व समाजसेवी हिमांशु कुमार की इतिहास को लेकर अपनी हाई स्कूल में पढ़ने वाली बेटी से हुई चर्चा...
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे लोकप्रिय नायकों में एक भगत सिंह छोटी-सी उम्र में ही फांसी के फंदे पर झूल...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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